दुनिया में लोगों की जो बेसिक जरूरते हैं वह कभी खत्म नहीं होगी क्योंकि उनके बिना हम जीवन यापन नहीं कर पाएंगे जैसे रोटी ,कपड़ा और मकान वैसे इनके अलावा भी कुछ और जरूरी चीजें हैं जिनका हमारे जीवन से सीधा संबंध है जैसे एक सेहतमंद जिंदगी और उसका सपोर्ट सिस्टम है दवाइयां ,आज मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि वह इंसान को एक लंबी उम्र दे सकता है इंपॉसिबल को भी पॉसिबल किया जा रहा है किसी जमाने में प्लेग ,पोलियो जैसी बीमारियां महामारी हुआ करती थी लेकिन आज उन पर काबू हमने पा लिया है और यह मेडिकल साइंस की प्रोग्रेस से ही संभव हो पाया है फार्मास्यूटिकल कंपनी दिन-रात नई-नई दवाइयों की खोज और एक्सपेरिमेंट में लगी रहती हैं ताकि लोगों की जान बचाई जा सके जब तक इंसानी जिंदगी मौजूद है तब तक दवाइयों की जरूरत पड़ती रहेगी इसीलिए यह एक ऐसा फील्ड है जिसमें बहुत सारी बिज़नेस अपॉर्चुनिटी मौजूद हैं
इंडियन फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री
अगर हम सिर्फ इंडिया के डॉमेस्टिक मार्केट की बात करें तो फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री 1.4 लाख करोड़ यानी 20 बिलियन डॉलर की है इसकी ग्रोथ रेट इतनी जबरदस्त है कि यह एक्सपेक्ट किया जा रहा है कि साल 2025 तक इंडियन फार्मास्यूटिकल सेक्टर 100 बिलीयन तक पहुंच जाएगा और मेडिकल डिवाइस मार्केट 25 मिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा अब सेंट्रल गवर्नमेंट फोकस कर रही है कि फार्मास्यूटिकल सेंटर में एफडीआई फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट किया जाए जिससे इस ग्रुप को और बढ़ाया जाए पिछले साल में pharmaceutical एक्सपोर्ट में इंडिया काफी आगे रहा है और 16 बिलीयन डॉलर से ज्यादा का एक्सपोर्ट किया गया है फार्मास्यूटिकल एक्सपोर्ट की बात करें तो इंडिया में इंटरमीडिएट ट्रक फॉर्मूलेशंस बायोलॉजिकल एंड हर्बल प्रोडक्ट सर्जिकल प्रोडक्ट्स की सप्लाई करता है ऐसे में अगर आप इस बिजनेस में उतरते हैं तो यह आपके लिए प्रॉफिटेबल बिजनेस बन सकता है वैसे इसके साथ अगला सवाल यह आता है अगर गवर्नमेंट के रूल्स एंड रेगुलेशंस को फॉलो किया जाए और जरूरी डॉक्यूमेंट हासिल कर लिए जाएं तो इंडिया में फार्मा सिटी कल कंपनी कोई भी खोल सकता है सामान्यतया फार्मा कंपनी 3 तरीके की चीजों पर काम करती है ड्रग मैन्युफैक्चरिंग ,ड्रग मार्केटिंग और बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च एंड डेवलपमेंट
Pharmaceutical company कैसे शुरू करें
फार्मास्यूटिकल कंपनी खोलने के लिए जरूरी है टेक्निकल चीजों पर आए उससे पहले कुछ बेसिक चीजें समझना जरूरी हैं सबसे पहला है
मार्केट रिसर्च- एक अच्छा स्विमर वही होता है जो पानी में तैरने से पहले उसकी गहराई का पता लगा लेता है बिजनेस के साथ कुछ ऐसा ही है और यह pharmaceutical बिजनेस पर भी लागू होता है pharmaceutical इंडस्ट्री में उतरने से पहले करंट मार्केट सिनेरियो को समझ लेना चाहिए मार्केट के रिक्वायरमेंट क्या है और कौन आपके कंपीटीटर हैं और मार्केट को आप क्या देंगे जो चीज अभी तक मार्केट में अवेलेबल नहीं है उन सब पर आपका वर्क जितना ज्यादा अच्छा होगा उतना ही बिजनेस को फायदा होगा इंडस्ट्री सेट अप लगाने से लेकर लोकेशन चेक करने तक हर स्टेप इंपॉर्टेंट होता है अगला पॉइंट आता है
बिजनेस प्लान – चैंपियन बनने के लिए आपके पास गेम प्लान होना जरूरी है गेम प्लान से मतलब है सॉलिड बिजनेस प्लान आपकी कंपनी का प्रोफाइल क्या होगा और आप कैसे डील करेंगे मार्केटिंग यूनिट क्या होगी और दूसरों से क्या अलग करेंगे आपके कंपनी का लांग टर्म गोल क्या होगा ,कंपनी का मिशन और विजन इन सारी चीजों का एक ब्लूप्रिंट या ड्राफ्टेड डॉक्यूमेंट में तैयार कर लें जो बाद में आपकी हेल्प करेंगा
Types of pharma Company
फार्मा कंपनी 2 तरीके के होते हैं पहले जो दवाइयां बनाती है और उनका प्रोडक्शन एवं मैन्युफैक्चरिंग करती हैं जैसे लूपिन फार्मा ,इंटास फार्मा ,और ग्लेनमार्क फार्मा
दूसरी है मार्केटिंग कंपनी जो किसी के बनाए हुए प्रोडक्ट को मार्केट तक पहुंचाती है और उनकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग करती हैं जैसे सिप्ला और मैनकाइंड ,बड़े-बड़े हॉस्पिटल डॉक्टर के क्लिनिक पर मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव को अक्सर देखा होगा वही लोग pharmaceutical मार्केटिंग का काम करते हैं
Pharmaceutical company का लाइसेंस
यह सब जान लेने के बाद अगला पॉइंट है जो बहुत जरूरी है लाइसेंस, एक फार्मा कंपनी चलाने के लिए जरूरी लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन करवाने पड़ते हैं उनमें मोस्ट इंपोर्टेंट है होलसेल ड्रग लाइसेंस ,गुड्स एंड सर्विस टैक्स जीएसटी रजिस्ट्रेशन कंपनी और फर्म रजिस्ट्रेशन, ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन और एस एस एस ए आई रजिस्ट्रेशन इंडिया में ड्रग लाइसेंस लेने के लिए अलग-अलग इंडियन स्टेट्स में नियम है सबसे आसान तरीका है कि अपने एरिया या डिस्ट्रिक्ट के इंस्पेक्टर से मिले जो आपको उसके बारे में पूरी डिटेल बताएं कैसे लाइसेंस बनवाया जाता है और क्या डॉक्यूमेंट चाहिए होते हैं अगर आप इतना भी लोड नहीं चाहते तो आप किसी फार्मासिस्ट को हायर कर सकते हैं वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें यदि आपने B.Pharma या M.pharma की डिग्री की है या किसी कंपनी में काम करने का एक्सपीरियंस है तो आप इस काम को बहुत आसानी से कर पाएंगे क्योंकि किसी भी कंपनी में अगर आप काम करते हैं तो कंपनी के बारे में आपको सारी जानकारी रहेगी कि रो मटेरियल कहां से आते हैं प्रोडक्शन कैसे होता है दवाइयां की मार्केटिंग कैसे होती है प्रॉफिट मार्जिन कितना है और मार्केट की डिमांड कितनी है
Pharmaceutical company रजिस्ट्रेशन
फार्मास्यूटिकल कंपनी रजिस्टर करवाने के लिए मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस, लैबोरेट्री लाइसेंस, होलसेल ड्रग लाइसेंस और जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जरूरत पड़ती है तो लाइसेंस के बारे में जान लेने के बाद अब अगला पॉइंट आता है कंपनी रजिस्ट्रेशन, किसी भी कंपनी को शुरू करने के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट के अंतर्गत आपको कंपनी का रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है जिसे कंपनी एक्ट के अंदर करवाना होता है डिजिटल सिगनेचर सर्टिफिकेट ,डायरेक्टर आईडेंटिफिकेशन नंबर ,पैन कार्ड एंड कलेक्शन नंबर ,वोटर आईडी, आधार कार्ड ,पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस में से कोई एक पासपोर्ट फोटो ,एड्रेस के लिए बैंक स्टेटमेंट की जरूरत रजिस्ट्रेशन कराते समय होती है।
ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन-
अपने कंपनी को एक ब्रांड के तौर पर इस्टैबलिश्ड करने के लिए ट्रेडमार्क लाइसेंस लेना पड़ता है आपका ट्रेडमार्क आपके बिजनेस के यूनिकनेस को बताता है इसीलिए आपके कंपनी के नाम से कोई और कंपनी न खुल जाए या आपके प्रोडक्ट की कॉपी कोई ना कर पाए इसीलिए ट्रेडमार्क लेना जरूरी होता है
FSAI लाइसेंस – अगर आप अपनी कंपनी में फूड एंड मेडिकल सप्लीमेंट बनाना चाहते हैं तो आपको फॉर सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया से एक लाइसेंस लेना होगा फूड सेफ्टी का लाइसेंस पाने के लिए आपको कंप्लीट सिग्नेचर किया हुआ फॉर्म देना होगा लिस्ट ऑफ डायरेक्टर फोटो आईडी एड्रेस , लिस्ट ऑफ फूड कैटिगरी, रिस्पांसिबल पर्सन अथॉरिटी लेटर कंपनी कहां पर बन रही है उसकी सेल डीड क्या है.
Investment-
एक pharmaceutical कंपनी खोलने के लिए अच्छी खासी रकम खर्च करनी पड़ती है जो लाखों और करोड़ों तक जा सकती है वैसे तीन तरह के इन्वेस्टमेंट की जरूरत पड़ती है पहला है कैपिटल इन्वेस्टमेंट- यह आपकी वन टाइम इन्वेस्टमेंट है जिसमें आप जमीन बिल्डिंग ऑफिस गाड़ियां और मशीन पर खर्च करेंगे कैपिटल वाली इन्वेस्टमेंट मार्केटिंग कंपनी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के लिए अलग-अलग हो सकती हैं दूसरे इन्वेस्टमेंट के अंदर रेंट और स्टाफ की सैलरी आदि आते हैं तीसरा है इन्वेंटरी इन्वेस्टमेंट इसके अंदर आपका वह खर्च आएगा जिसमें आप चीजों को स्टॉक करके रखेंगे यह रॉ मैटेरियल और आपका प्रोडक्शन कुछ भी हो सकता है एक Pharmaceutical कंपनी खड़ी करने के लिए छोटे स्केल पर 12 करोड़ रुपए की इन्वेस्टमेंट जा सकती है और बड़े स्केल पर आप कितना भी लगा सकते कंपनी बनाते समय हो सकता है कि आपको किसी बिजनेस पार्टनर की जरूरत पड़ जाए इन सारी चीजों की प्रैक्टिकल नॉलज pharmaceutical कंपनी में काम करके पता चलेगी इसीलिए अगर आप इस फील्ड में वर्किंग प्रोफेशनल हैं तो आपको कंपनी शुरू करने में आसानी होगी बैंक से लोन लेने की बात करें तो आजकल लगभग हर तरीके के लीगल बिजनेस के लिए लोन मिलता है यह लोन गवर्नमेंट और प्राइवेट दोनों तरीके बैंक ऑफर करते हैं आप किसी भी बैंक में जाकर लोन का पता कर सकते हैं वैसे अगर आप गूगल पर आईसीआईसी बैंक फॉर फार्मास्यूटिकल कंपनी सर्च करेंगे तो इनका डेडिकेटेड वेब पेज खुल जाएगा जहां पर आपको सारी डिटेल मिल जाएंगे।
आज क्या सीखा
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने सीखा कि इंडियन फार्मास्युटिकल कंपनी कितनी बड़ी है, फार्मास्युटिकल कंपनी कैसे शुरू करें साथ ही साथ कंपनी के रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस और ट्रेडमार्क के बारे में जाना उम्मीद करता हूं कि यह आर्टिकल आपको पसन्द आया होगा।