दोस्तों स्वागत है आपका आज के इस आर्टिकल में,आज के लेख में हम जानेंगे कि Team Management क्या है? और इससे जुड़े टीम वर्क के बारे में बात करेंगे इसलिए यदि आप भी जानना चाहते हैं कि Team Management क्या है तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।
टीम वर्क क्या है
टीम मैनेजमेंट को समझने के लिए सबसे पहले हमें टीम वर्क के बारे में समझना होगा, जब हम ऑफिस में काम करते हैं तो हमारे साथ हमारे सहकर्मी भी काम करते हैं जब हम और हमारे सहकर्मी दोनों मिलकर किसी एक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए काम करते है।
बिल्कुल उसी तरह जैसे हमारे परिवार में हर कोई अपनी जिम्मेदारी निभाता है वह परिवार में मिल बांट कर काम करता है यह परिवार का टीमवर्क हुआ। और जो काम आफिस में होते हैं वह ऑफिस का टीम वर्क होता है।
एक अच्छे टीमवर्क का मतलब है कि सभी लोग एक साथ मिलकर काम कर पाए ।और एक दूसरे को समझ पाए जिससे हम जिस भी लक्ष्य के लिए काम कर रहे हैं वह सुलभता से प्राप्त कर पाए।
Team Management में यह समझना बिल्कुल आवश्यक है कि हर इंसान अलग-अलग तरीके का होगा और उसके काम करने का तरीका भी अलग होगा। जैसे कि हमारा सहकर्मी जो कोई एक जल्दी काम खत्म कर लेगा और कोई होगा जो काम करने में ज्यादा समय लगाता है।
किसी की प्रेजेंटेशन स्किल बहुत अच्छी होगी तो किसी की कम्युनिकेशन स्किल अच्छी होगी तो हर किसी की विशेषता को साथ में लेकर मिलाजुला कर हम कैसे काम कर सकते हैं कैसे टीम में एक साथ काम कर पाए वह बहुत जरूरी है।
टीम वर्क में प्रत्येक सहकर्मी की योग्यता और विशेषता को साथ लेकर चलना होता है। टीम वर्क को सक्सेसफुल बनाने के लिए टीम संचालक की अच्छी कम्युनिकेशन स्किल अच्छी लिसनिंग स्किल्स होनी चाहिए। टीम वर्क के लिए एक दूसरे को समझ पाना बेहद जरूरी है।
टीम वर्क में आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के बातों को उनके विचारों को ध्यान से सुने और एक दूसरे के साथ समझदारी से बातचीत करके अच्छे-अच्छे आइडिया निकालें।
टीम मैनेजमेंट क्या है
किसी काम को सही तरीके से सुसंगठित करके करना मैनेजमेंट कहलाता है। जब किसी प्रोजेक्ट या लक्ष्य पर कई लोगों का समूह एक साथ कार्य करना टीम वर्क होता है।
और जब पूरी टीम को एक मैनेजर द्वारा या किसी फैकल्टी दर्शाया गाइड करके काम करवाना टीम मैनेजमेंट कहलाता है।
अगर हम किसी की हेल्प करें तो वह घूम कर हम तक जरूर आता है टीम वर्क में एक दूसरे की हेल्प करने से कितना फायदा हो सकता है।
टीम मैनेजमेंट क्या है उदाहरण से समझें
इसको समझने के लिए इस स्टोरी के माध्यम से इस चीज को हम समझने की कोशिश करेंगे दोस्तों एक बार 50- 60 लोगों का एक सेमिनार होता है।
जब वह सेमिनार शुरू होता है और जब स्पीकर आता है स्पीकर उन सबको एक-एक गुब्बारा दे देता है। और उस गुब्बारे पर उन सब से रिक्वेस्ट करता है कि मारकर से अपना नाम लिखने की रिक्वेस्ट करता है सारे पार्टिसिपेंट उस गुब्बारे में अपना नाम लिखते हैं और नाम लिखने के बाद उन सब से गुब्बारा ले लिया जाता है।
और पास के ही एक कमरे में एक बड़े से बॉक्स में उस गुब्बारे को डाल दिया जाता है।अब स्पीकर उन सब से रिक्वेस्ट करता है कि आप सबके पास 5 मिनट का टाइम है आपको उस कमरे में जाना है।
अपने नाम का गुब्बारा ढूंढ कर लेकर आना है जैसे ही घंटी बस्ती है सारे व्यक्ति उस कमरे में जाते हैं और अपना गुब्बारा ढूंढते हैं लेकिन 5 मिनट का ही टाइम होता है।
इसलिए सभी जल्दी में होते हैं और सारे इस चक्कर में होते हैं कि कैसे मुझे अपने नाम का गुब्बारा जल्दी मिल जाए और इस चक्कर में किसी को भी अपने नाम का गुब्बारा ठीक से नहीं मिल पाता। जैसे ही 5 मिनट और होते हैं वह सारे वापस आते हैं।
स्पीकर उनसे बोलता है कि क्या आप सब लोगों को अपने अपने गुब्बारे मिल गए तो सब बोलते हैं कि नहीं हमारे पास समय बहुत कम था। इसलिए हम अपने नाम का गुब्बारा नहीं ढूंढ पाए तो स्पीकर बोलता है कोई बात नहीं अब मैं आपको एक ट्रिक बताता हूं क्योंकि यह है कि जब भी आप दोबारा इस कमरे में जाओगे।
अभी मैं आपको दोबारा से आपको इस कमरे में भेजूंगा और आपके हाथ में जो भी गुब्बारा आए उसके जो भी नाम लिखा हो आप उस गुब्बारे को उसको दे देना है और जोर से चिल्लाना है कि यह गुब्बारा किसका है।
जैसे ही बेल बजती है सारे लोग उस कमरे में फिर से जाते हैं और एक गुब्बारा उठाते हैं और जिसके हाथ में जिसका भी गुब्बारा आता है वह उसे जोर से चिल्लाकर उसका नाम बुलाता है और उसे दे देता है जिस भी व्यक्ति का गुब्बारा होता है वह उसके पास आता है और अपना गुब्बारा ले लेता है ।
5 मिनट के अंदर लगभग सभी लोगों को अपना अपना गुब्बारा मिल जाता है और सभी वापस सेमिनार हॉल में जाते हैं
अब स्पीकर उन सब को समझाता है कि जब आप पहले गुब्बारा ढूंढने के लिए गए थे तो सिर्फ आप अपने लिए काम कर रहे थे यानी कि आप सिर्फ इस चक्कर में थे कि कैसे मेरे नाम का गुब्बारा जल्दी मिल जाए। लेकिन दूसरे राउंड में जब आप गए तो आपके हाथ में जो भी गुब्बारा आया उसमें जिसका भी नाम लिखा था।
आपने उस गुब्बारे को उसे दे दिया ठीक उसी तरह आपका गुब्बारा भी किसी के हाथ में रहा होगा और उसने आपको को बढ़ा दिया होगा ।
आपका नाम पुकार कर कर इसका मतलब जब आप किसी की मदद करते हैं तो आपकी हेल्प कहीं ना कहीं अपने आप हो जाती है। तो दोस्तों यही टीमवर्क का एक सबसे बड़ा जो प्लस पॉइंट है यही है कि टीम वर्क में हमेशा आपको दूसरों की मदद के बारे में सोचना है अगर आप दूसरों की मदद करेंगे तो हो सकता है कि आपकी मदद अपने आप हो जाए।
टीम मैनेजमेंट की जरूरत
टीम मैनेजमेंट करने से ऑफिस में हमेशा खुशी का माहौल बना रहता है और अगर कुछ भी परेशानी होती है। तो हम आपस में बैठकर विचार विमर्श कर पाते हैं।
टीमवर्क्स करने से हमें बड़ी से बड़ी जटिल समस्याओं को हल करने में आसानी होती है क्योंकि टीम में तरीके के लोग होते हैं ।और उनके काम करने के तरीके और आईडिया भी अलग-अलग होते हैं जिससे कि हम जटिल से जटिल समस्या को आसानी से सॉल्व कर सकते हैं।
टीम वर्क की मदद से आप ज्यादा से ज्यादा काम कम समय में कर पाएंगे मतलब आप की प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी।