टेलीफोन क्या है ?टेलीफोन का आविष्कार किसने किया |

442

दोस्तों जैसे -जैसे हम आधुनिकता की ओर बढ़ते जा रहे हैं वैसे – वैसे पुरानी पारंपरिक चीजों का उपयोग लगभग समाप्त ही हो गया है पहले के समय में हम अपने संदेशों और विचारों का आदान-प्रदान टेलीग्राफ या चिट्ठियों के माध्यम से करते थे लेकिन आज का समय बिल्कुल परिवर्तित हो चुका है आज के समय में अपने विचार दूसरे तक पहुंचाने में या दूसरे के विचार अपने तक आने में सेकंडो का समय लगता है और हम एक दूसरे से बात भी कर पाते हैं

लेकिन पहले के समय में यदि हमें कोई जानकारी किसी दूसरे तक पहुंचाने होती थी तो इसके लिए हम तार या टेलीग्राफ का उपयोग करते थे जिसमें बहुत अधिक समय लगता था टेलीफोन जिसका प्रयोग हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में बहुत अधिक करते हैं लेकिन क्या आपने सोचा है की टेलीफोन का आविष्कार किसने किया या टेलीफोन का आविष्कार कब हुआ जी हां दोस्तों टेलीफोन के आविष्कार के बाद से संचार के क्षेत्र में क्रांति सी आ गई टेलीफोन के आविष्कार के बाद संचार माध्यम बहुत तेज हो गया

अगर आप जानना चाहते हैं कि टेलीफोन का आविष्कार किसने किया और कब हुआ तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें आपको टेलीफोन के आविष्कार से जुड़ी सभी जानकारियां मिल जाएंगे.

टेलीफोन क्या है ?

टेलीफोन एक ऐसी डिवाइस / युक्ति है जिसकी मदद से हम आवाज को सिग्नलो के माध्यम से किसी दूसरे सोर्स तक पहुंचाते हैं सीधे शब्दों में कहें तो टेलीफोन एक टेलीकम्युनिकेशन युक्ति है जिसकी मदद से हम एक दूसरे से सिगनल ओं के माध्यम से बात कर पाते हैं जिस समय टेलीफोन का आविष्कार हुआ उस समय टेलीफोन केवल बातचीत तक ही सीमित था लेकिन वर्तमान समय में टेलीफोन का विकास बहुत तीव्र गति से और बहुत अधिक हो गया है यानी अब हम कह सकते हैं कि टेलीफोन का स्वरूप बिल्कुल बदल चुका है जो हम जो सोच सकते हैं वह आज के समय में टेलीफोन की मदद से कर भी सकते हैं.

टेलीफोन का आविष्कार कब और किसने किया ?

टेलीफोन के आविष्कार का श्रेय एलेग्जेंडर ग्राहम बेल तथा उनके सहयोगी वाटसन को जाता है एलेग्जेंडर ग्राहम बेल का जन्म 3 मार्च 1847 को एस्कॉर्ट लाइन में हुआ था एलेग्जेंडर ग्राहम बेल अपने टेलीफोन के आविष्कार से काफी प्रसिद्ध हुए उनके इस अविष्कार ने पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया एलेग्जेंडर ग्राहम बेल की मां और पत्नी दोनों बहरी थी जिस वजह से उन्हें ध्वनि विज्ञान में बहुत रूचि थी बेल को पूरा यकीन था कि टेलीग्राफ तार के जरिए ध्वनि के सिग्नल को भेजा जा सकता है इसीलिए उन्होंने इस पर शोध कार्य शुरू कर दिया शोध कार्य के लिए उन्होंने अपने साथ एक सहायक वाटसन को रख लिया था जिसने टेलीफोन के आविष्कार में ग्राहम बेल के साथ अहम भूमिका निभाई और अंततः टेलीफोन का आविष्कार एलेग्जेंडर ग्राहम बेल ने 2 जून 1875 को उनके सहयोगी वाटसन के साथ मिलकर किया

टेलीफोन का आविष्कार कैसे हुआ ?

2 जून 1875 के दिन ग्राहम बेल अपने कमरे में कुछ काम कर रहे थे और उनका सहायक ऊपरी मंजिल पर था बहुत दिनों से लगातार यह यंत्रों को जोड़ने पर भी उन्हें तारों के जरिए ध्वनि संचरण में सफलता नहीं मिल रही थी उस दिन पता नहीं क्या संयोग बना काम करते-करते बेल की पेंट पर हल्का सा तेजाब गिर गया और उन्होंने वाटसन को मदद के लिए बुलाया , वाटसन ने उनकी आवाज को अपने कमरे में रखे एक यंत्र से आते सुना और उसके बाद की कहानी इतिहास बन गई यह दो यंत्रों के बीच पहली बार टेलीफोन पर की गई बातचीत थी जिसमें ग्राहम बेल अपने सहायक वाटसन से कहते हैं वाटसन यहां आओ मुझे तुम्हारी जरूरत है

टेलीफोन की खोज के तुरंत बाद ग्राहम बेल ने इसे नामांकित करा लिया और 7 मार्च 1876 में एक टेलीफोन कंपनी खोली जोकि बहुत अमीर हो गई और आज ग्राहम बेल की कंपनी को AT & T के नाम से जाना जाता है बेल की प्रतिभा का अंदाजा आपको इस बात से लग सकता है कि ग्राहम बेल ने मात्र 13 वर्ष की उम्र में ग्रेजुएशन कंप्लीट कर लिया था और मात्र 16 साल की उम्र में एक प्रसिद्ध म्यूजिक टीचर बन गए थे ग्राहम बेल 23 साल की उम्र में उन्होंने एक ऐसा पियानो बनाया था जिसकी मीठी आवाज काफी दूर तक सुनी जा सकती थी

टेलीफोन के अविष्कार के बाद पहला टेलीकम्युनिकेशन यानी बातचीत 1 महाद्वीप के एक सिरे से दूसरे सिरे तक 25 जनवरी 1915 को हुआ जिसमें ग्राहम बेल ने वाटसन से बातचीत की बेल उस समय अमेरिका के पूर्वी तट पर न्यूयॉर्क सिटी में थे और उनके सहायक वाटसन पश्चिमी तट पर थे सैन फ्रांसिस्को शहर में अलेक्जेंडर ग्राहम की मृत्यु डायबिटीज की वजह से हुई थी उनकी मृत्यु के समय पूरी उत्तरी अमेरिका की सभी टेलीफोन लाइन को बेल के सम्मान के रूप में 2 मिनट तक बंद कर दिया गया था उनकी मृत्यु 2 अगस्त 1922 को कनाडा में 75 वर्ष की आयु में हुई थी

टेलीफोन को हिंदी में क्या कहते हैं ?

टेलीफोन को हिंदी में दूरसंचार यंत्र या दूरभाष कहा जाता है जिसकी मदद से हम दूर देश बैठकर किसी से भी बातचीत कर सकते हैं,टेलीफोन के मुख्य 2 भाग होते हैं ट्रांसमीटर और रिसीवर जिनकी मदद से हम बातचीत कर पाते हैं

टेलीफोन की कार्यविधि

टेलीफोन डिवाइस के हैंडसेट में दो हिस्से होते हैं एक माउथपीस यानी मुंह के पास रहने वाला हिस्सा जिसे हम माइक्रोफोन कहते हैं तथा दूसरा ईयर पीस जो कान के पास रहता है जिसे हम स्पीकर कहते हैं की सहायता से हम कुछ भी सुन पाते हैं और माइक्रोफोन की सहायता से हम बोल पाते हैं अगर सीधे शब्दों में बात करें तो माइक्रोफोन हमारी आवाज को तरंगों में बदल कर तार के द्वारा पहुंचाता है और स्पीकर ध्वनि तरंगों को ध्वनि में बदलकर प्रस्तुत करता है

माइक्रोफोन एक परिवर्तनशील विद्युत धारा उत्पन्न करता है और यह आपकी ध्वनि ऊर्जा को विद्युत संकेतों में बदल देता है यह विद्युतीय उच्च आवृत्ति वाली रेडियो तरंग के साथ मिश्रित किए जाते हैं जब तार के माध्यम से दूसरे सिरे पर लगे रिसीवर में भेजे जाते हैं तो ग्रहण करने वाले छोर पर परिवर्तनशील विद्युतीय संकेत वाहक तरंगों से अलग कर दिए जाते हैं

तथा स्पीकर विद्युतीय तरंगों को पुनः ध्वनि तरंगों में बदल देता है स्पीकर द्वारा उत्पन्न आवाज ठीक उसी प्रकार की होती है जैसी आवाज सेंडर के पास से बोली गई हो इस प्रकार जब व्यक्ति ग्रहण करने वाले छोर पर मुख से बोलता है यानी माइक्रोफोन से बोलता है आप अपने स्पीकर में उसकी आवाज सुनते हैं इस प्रकार टेलीफोन उपकरण में ट्रांसमीटर और रिसीवर यानी भेजने तथा ग्रहण करने वाले यंत्र होते हैं आप दूसरे के टेलीफोन नंबर में संपर्क करने के लिए जैसे ही अपने टेलीफोन का हैंडसेट उठाते हैं एक स्विच बंद हो जाता है जिससे आपका टेलीफोन टेलीफोन एक्सचेंज से जुड़ जाता है जब हम टेलीफोन नंबर डायल करने के लिए बटन दबाते हैं तो अनेकों विद्युतीय तरंगे पैदा होते हैं यह विद्युतीय तरंगे वित्तीय स्कोरर एक्सचेंज के इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में ग्रहण किए जाते हैं यह इलेक्ट्रॉनिक सर्किट 1 सीटों की श्रेणी को संचालित करता है जो आपके टेलीफोन को उस व्यक्ति के टेलीफोन से जोड़ती है जिससे आप बातचीत करना चाहते हैं

नगरों में टेलीफोन एक्सचेंज तथा आपके टेलीफोन केबल से जुड़े होते हैं तथा यह केबल जमीन के अंदर रहते हैं यह केबल एलमुनियम के बने होते हैं जब दो या दो से अधिक देशों महाद्वीपों को एक दूसरे से टेलीफोन पर जोड़ना होता है तो इसके लिए समुद्र के अंदर से केबल बिछाए गए हैं ऑप्टिकल केबल कहते हैं जिनकी मदद से हम देश विदेश से भी टेलीफोन पर बातचीत कर पाते हैं

FAQ

Q.1-टेलीफोन क्या है?

टेलीफोन एक ऐसी टेलीकम्युनिकेशन मशीन है जिसकी मदद से हम दूरदराज बैठकर ठीक उसी प्रकार बात कर सकते हैं जिस प्रकार हम आमने-सामने बैठकर करते हैं

Q.2-टेलीफोन का आविष्कार कब किया गया ?

टेलीफोन का आविष्कार 2 जून 1875 को किया गया

Q.3-टेलीफोन का आविष्कार किसने किया ?

टेलीफोन का आविष्कार एलेग्जेंडर ग्राहम बेल ने अपने सहयोगी वाटसन के साथ मिलकर किया

Q.4-टेलीफोन के मुख्य भाग कौन-कौन से हैं ?

टेलीफोन के मुख्य भाग ट्रांसमीटर और रिसीवर हैं जिनकी मदद से हम विद्युत तरंगों को ध्वनि तरंगों में तथा ध्वनि तरंगों को विद्युत तरंगों में बदल कर बात कर पाते हैं

Q.5-क्या वास्तव में टेलीफोन का आविष्कार ग्राहम बेल ने किया ?

जी हां टेलीफोन का आविष्कार ग्राहम बेल ने किया लेकिन इनके टेलीफोन के आविष्कार में विभिन्न प्रकार के अविष्कारों का समावेश है जैसे कि टेलीफोन में विद्युत तरंगों और ध्वनि तरंगों का बहुत बड़ा योगदान है तो ध्वनि तरंगों और विद्युत तरंगों की खोज किसी अन्य वैज्ञानिक ने करी और उसने इस अविष्कार में ग्राहम बेल मदद की मगर सबसे ज्यादा विशेष योगदान इस अविष्कार में ग्राहम बेल का ही था इसलिए टेलीफोन का जनक या अविष्कारक हम ग्राहम बेल को ही मानते हैं

आज क्या सीखा

तो दोस्तों आज हमने टेलीफोन का आविष्कार किसने किया ,टेलीफोन क्या है तथा टेलीफोन की कार्य विधि आदि जैसे विषयों पर आज हमने चर्चा की और उम्मीद करता हूं कि आप को टेलीफोन क्या है टेलीफोन का आविष्कार किसने किया तथा टेलीफोन का आविष्कार कब किया गया से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल गए होंगे